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31. भाई मोहर सिंघ जी

  • नामः भाई मोहर सिंघ जी
    पिता का नामः भाई धूमा सिंघ
    दादा का नामः भाई काहन सिंघ
    पड़दादा का नामः भाई नेता सिंघ
    कब शहीद हुएः 13 अक्टूबर 1700
    कहाँ शहीद हुएः निरमोहगढ़
    किसके खिलाफ लड़ेः पहाड़ी राआओं और मुगल फौज

भाई मोहर सिंघ जी ने भी 13 अक्टूबर 1700 के दिन निरमोहगढ़ की लड़ाई में शहीदी जाम पीया था। भाई मोहर सिंघ जी भाई धूमा सिंघ जी के बेटे, भाई काहन सिंघ के पोते और भाई नेता सिंघ जी के पड़पोते थे। भाई नेता सिंघ के दादा, शहीद भाई सुखीआ महिराज की लड़ाई में शहीद हुए थे। अक्टूबर 1700 में जब श्री गुरू गोबिन्द सिंघ साहिब जी निरमोहगढ़ की पहाड़ी पर डेरा डाले हुए बैठे थे, तो 8 अक्टूबर के दिन बिलासपुर के अजमेरचँद ने गुरू साहिब जी पर हमला कर दिया, लेकिन उसने इस हमले में बहुत ही बूरी तरह की हार खाई और वह फौज सहित भागा। उसने अपना वजीर सरहंद के नवाब के पास भेजकर उसे उकसाया। मुगलों की फौज भी निरमोहगढ़ 13 अक्टूबर को पहुँच गईं। उनकी कमान नासिर खान के हाथ में थी। रूस्तम खां ने मोर्चे कायम कर लिए। इस लड़ाई में बहुत सारे मुगल फौजी मारे गए। इस लड़ाई में मुगल फौज के दोनों ही जरनैल मारे गए। इस मौके पर कुछ सिक्खों ने भी शहीदियाँ प्राप्त कीं, इनमें भाई मोहर सिंघ जी भी थे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
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