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24. भाई सूरत सिंघ जी

  • नामः भाई सूरत सिंघ जी
    पिता का नामः भाई केवल सिंघ
    दादा का नामः भाई आंडू
    पड़दादा का नामः भाई जगना
    किस परिवार से संबंधः राठौर-राजपूत खानदान
    कब शहीद हुएः 8 अक्टूबर 1700
    कहाँ शहीद हुएः किला निरमोहगढ़ में
    किसके खिलाफ लड़ेः बिलासपुर के राजा अजमेरचँद

भाई सूरत सिंघ जी भी 8 अक्टूबर 1700 के दिन निरमोहगढ़ में शहीद हुए थे। भाई सूरत सिंघ जी भाई केवल सिंघ के बेटे, भाई आंडू के पोते और भाई जगना के पड़पोते थे। आप राठौर राजपूत खानदान से संबंध रखते थे। उन्हीं दिनों आप गाँव सोधरा, जिला वजीराबाद, पाकिस्तान मे रहते थे। आपका परिवार काई पीड़ियों से गुरू घर का बड़ा श्रद्धालू था। जब श्री गुरू गोबिन्द सिंघ साहिब जी ने फौज बनाई तो भाई रणमल जी के पुत्रों के परिवारों में से बहुत सारे नौजवान फौज में शामिल हुए। भाई रणमल जी के पड़पोते भाई फतेहचँद, भाई अमीआं और भाई जग्गू आदि करतारपुर और फगवाड़ा की लड़ाईयों में शहीद हुए थे। भाई रणमल का एक पोता, धूड़ा रूहीला की लड़ाई में शहीद हुआ था। भाई सूरत सिंघ जी का बड़ा भाई, भाई ईशर सिंघ 29 अगस्त 1700 के दिन तारागढ़ में शहीद हुआ था। ईशर सिंघ जी के बड़े भाई, भाई कीरत सिंघ का बेटा करन सिंघ 6 अप्रैल 1709 के दिन गुरू का चक्क (श्री अमृतसर साहिब जी) में शहीद हुआ था। 8 अक्टूबर के दिन जब बिलासपुर के राजा अजमेरचँद ने एक बड़ी फौज के साथ निरमोहगढ़ पर हमला कर दिया तो भाई सूरत सिंघ जी ने ओर साथी सिंघों के साथ मिलकर बड़ी ही बहादुरी और शूरवीरता के साथ पहाड़ियों का मुकाबला किया और उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया। भाई सूरत सिंघ जी ने हाथों-हाथ की लड़ाई में कईयों को मार गिराया और फिर लड़ते-लड़ते आप भी शहीद हो गए, वो लड़ाई में आगे की कतार में लड़ रहे थे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
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