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8. सरबत खालसा सम्मेलन

नवाब कपूर सिंह जी ने सरबत खालसा सम्मलेन का आह्वान किया। उन्होंने समस्त योद्धाओं को छोटे घल्लूघारों में साहस और वीरता से लड़ने के लिए धन्यवाद किया और कहा हमें समय की ज्वलँत चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वयँ को दोबारा नये रूप में पुनः गठन करना होगा, जिससे विदेशी आक्रमणकारी अब्दाली जैसे लोगों का सहज में सामना करके उन्हें पराजित करके सदा के लिए खदेड़ना होगा। उन्होंने कहा कि हमने तीन वर्ष पूर्व 25 जत्थों का गठन किया था जो अब बढ़कर लगभग दुगुने हो गए हैं। अतः हमें एक ही नेतृत्त्व में रहने के लिए जत्थों की सँख्या कम करके उनकी घातक शक्ति को बढ़ाने के लिए उनमें जवानों की सँख्या बढ़ानी है, इसलिए अनुभवी और कुशल सरदारों की देखरेख में हम समस्त खालसा दल को ग्यारह भागों में बाँटते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि मैं अब वृद्धावस्था में पहुँच गया हूँ, अतः मैं अपने स्थान पर सर्वप्रिय और कुशल, वीर योद्धा जवान को समस् खालसा दल का अध्यक्ष नियुक्त करता हूँ, मुझे आशा है कि मेरी इस बात पर सभी जयकारे के साथ स्वीकृति प्रदान करेंगे। तभी उन्होंने सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया को दल खालसा के सम्मुख प्रस्तुत किया और अपना ताज मुकुट उनके सिर पर सजा दिया। इस पर सभी ओर से जय जयकार होने लगी। अन्त में नवाब कपूर सिंह जी ने कहा कि समस्त जत्थे अपने-अपने क्षेत्रों में स्वतन्त्र विचरण करेंगे और अपना विकास अपने बलबूते पर कर सकते हैं परन्तु जब पँथक कार्यों के लिए एकत्रित होना पड़े तो बिना किसी देरी के वे अपनी समस्त सेवाएँ दल खालसा के अध्यक्ष को प्रस्तुत करेंगे। आप जी ने आगामी वर्षों के लिए वर्ष में दो बार खालसे का सम्मेलन करने का निश्चय करवाया ताकि बदलते हुई राजनीतिक ज्वलँत समस्याओं के समाधान हेतु तुरन्त निर्णय लिये जा सके। यह दो समय थेः दीवाली तथा वैशाखी पर्व। इन पर्वों में लगभग छः माह का अन्तराल था, दूसरा उन दिनों ऋतु की दृष्टि से सामान्य तापमान होता है। अतः सुहावना वातावरण पाया जाता है। दल खालसा के 11 जत्थेदारों के नाम और जत्थों के नाम इस प्रकार थेः 1. आहलूवालिया, सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया 2. फैजलपुरिया, नवाब कपूर सिंह 3. शुकरचकिया, सरदार नौद्य सिंह 4. निशानवालिया, सरदार दसौंध सिंह 5. भँगी सरदार, साहसी सिंह कन्हिया 6. नकई, सरदार हरी सिंह 7. डल्लांवालिया, सरदार गुलाब सिंह 8. शहीदा, बाबा दीप सिंह 9. करोड़ सिंधिया सरदार करोड़ा सिंह 10. कन्हिया, सरदार जय सिंह 11. रामगढ़िया, सरदार जस्सा सिंह रामगढ़िय। इसके अतिरिक्त एक ओर सरदार जत्थेदार फुल्कियां मिस्ल को बनाया गया यह आला सिंह जी की पटियाला नगर की राजधानी थी। यह बालक फूल की सन्तान में से थे जिन्हें सातवें गुरू श्री गुरू हरिराय जी का वरदान प्राप्त था।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
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