6. खालसा राज्य का उदय
सिक्ख भाईचारे का महत्वः श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी ने आपसी एकता के लिए खालसे को
कुछ सिद्धाँतों के अन्तरगत सँगठित किया था। इसमें मूल सिद्धाँत शब्द गुरू, श्री गुरू
ग्रँथ साहिब जी की छत्रछाया थी। दूसरा सिद्धाँत खण्डेबाटे का पाँच प्यारो से
अमृतपान करना था। उनका मानना था कि यदि सिक्ख श्री गुरू ग्रँथ साहिब जी और गुरू पँथ
को समर्पित रहेंगे तो वे हर मैदान फतह प्राप्त करते चले जाएँगे। अर्थात खालसा पँथ
की चढ़दी कला उसके सिद्धाँत की प्रतिबद्धता में है।