6. रागु देवगंधारी
इस राग की बाणी श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के अंग 527 से 536 तक दर्ज है। इसके गायन
का समय चार घड़ी दिन चढ़े भाव दिन के दूसरे पहर का है। इसके एक शब्द का गायन राग
देवगंधर में भी है।
महत्वपूर्ण नोट:
1. श्री गुरू रामदास जी की बाणी अंग 527 से लेकर अंग 528 लाइन 11 तक दर्ज है।
2. श्री गुरू अरजन देव जी की बाणी अंग 528 लाइन 12 से लेकर अंग 536 लाइन 7 तक दर्ज
है।
3. श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी की बाणी अंग 536 लाइन 9 से लेकर अंग 536 तक जी
दर्ज है।
रागु देवगंधारी में बाणी सम्पादन करने वाले बाणीकार:
गुरू साहिबान
1. गुरू रामदास जी
2. गुरू अरजन देव जी
3. गुरू तेग बहादर साहिब जी