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4. रागु आसा

सिक्ख धर्म में इस महत्वपूर्ण राग का गायन अमृत बेला यानि ब्रहम समय में किया जाता है। इससे सम्बन्धित बाणी श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के अंग 347 से 488 तक अंकित है। इस राग की महत्वपूर्ण रचना "आसा की वार" का गायन नियम से किया जाता है। आसा राग की अन्य किस्में काफी व आसावरी भी श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी में दर्ज है।

महत्वपूर्ण नोट:
1. श्री गुरू नानक देव जी की बाणी "सो दरू" राग आसा में अंग 347 पर दर्ज है।
2. श्री गुरू रामदास जी की बाणी "सो पुरखु" अंग 348 पर दर्ज है।
3. श्री गुरू नानक देव जी के चउपदे अंग 348 लाइन 19 से लेकर अंग 360 लाइन 17 तक दर्ज हैं।
4. गुरू अमरदास जी के चउपदे अंग 360 लाइन 18 से लेकर अंग 365 लाइन 11 तक दर्ज हैं।
5. श्री गुरू रामदास जी के चउपदे और दुपदे अंग 365 लाइन 12 से लेकर अंग 370 लाइन 13 तक दर्ज हैं।
6. श्री गुरू अरजन देव जी के चउपदे, तिपदे दुपदे और इकतुका अंग 370 लाइन 4 से लेकर अंग 411 लाइन 3 तक दर्ज हैं।
7. श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी की बाणी आसा महला-9 अंग 411 पर दर्ज है।
8. श्री गुरू नानक देव जी की "असटपदियाँ" राग आसा में अंग 411 लाइन 9 से लेकर अंग 422 लाइन 16 तक दर्ज हैं।
9. श्री गुरू अमरदास जी की "असटपदियाँ" राग आसा में अंग 422 लाइन 17 से लेकर अंग 430 लाइन 12 तक दर्ज हैं।
10. श्री गुरू अरजन देव जी की "असटपदियाँ" राग आसा में अंग 430 लाइन 13 से लेकर अंग 432 लाइन 7 तक दर्ज है।
11. श्री गुरू नानक देव जी की बाणी "पटी" अंग 232 लाइन 8 से लेकर अंग 434 लाइन 12 तक दर्ज है।
12. श्री गुरू अमरदास जी की बाणी "पटी" अंग 434 लाइन 13 से अंग 435 लाइन 17 तक दर्ज है।
13. श्री गुरू नानक देव जी की बाणी "छंत" अंग 435 लाइन 18 से लेकर अंग 439 लाइन 11 तक दर्ज है।
14. श्री गुरू अमरदास जी की बाणी "छंत" अंग 439 लाइन 13 से अंग 442 लाइन 4 तक दर्ज है।
15. श्री गुरू रामदास जी की बाणी "छंत" अंग 442 लाइन 5 से लेकर अंग 452 लाइन 9 तक दर्ज है।
16. श्री गुरू अरजन देव जी की बाणी "छंत" अंग 452 लाइन 10 से लेकर अंग 462 लाइन 16 तक दर्ज हैं।
17. आसा की वार के सलोक महला-1 "वार सलोका नालि सलोक भी महले पहिले के लिखे टुंडे अस राजै की धुनी" यह अंग 462 लाइन 17 से लेकर अंग 475 लाइन 11 तक दर्ज हैं।
18. राग आसा में भक्त कबीर जी का बाणी अंग 475 लाइन 12 से लेकर अंग 484 तक दर्ज है।
19. भक्त नामदेव जी की बाणी अंग 485 से लेकर अंग 486 लाइन 4 तक दर्ज है।
20. भक्त रविदास जी की बाणी अंग 486 लाइन 5 से लेकर अंग 487 लाइन 8 तक दर्ज है।
21. भक्त धंन्ना जी की बाणी अंग 487 लाइन 9 से लेकर अंग 488 लाइन 6 तक दर्ज है।
22. भक्त शेख फरीद जी की बाणी अंग 488 लाइन 7 से लेकर अंग 488 तक दर्ज है।

आसा राग में बाणी सम्पादन करने वाले बाणीकार:

गुरू साहिबान
1. गुरू नानक देव जी
2. गुरू अंगद देव जी
3. गुरू अमरदास जी
4. गुरू रामदास जी
5. गुरू अरजन देव जी
6. गुरू तेग बहादर जी

भक्त साहिबान
1. भक्त कबीर जी
2. भक्त नामदेव जी
3. भक्त रविदास जी
4. भक्त धन्ना जी
5. भक्त शेख फरीद जी

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
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