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23. रागु केदारा

केदारा राग भारत का सुप्रसिद्ध राग है तथा भारतीय सँगीत का अटूट अंग भी। इस राग में बाणी श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के अंग 1118 से 1124 तक दर्ज है । इस राग का गायन समय रात्रि का पहला व दूसरा पहर है।

महत्वपूर्ण नोट:
1. श्री गुरू रामदास जी के चउपदे आदि राग केदारा में अंग 1118 से लेकर अंग 1119 लाइन 2 तक दर्ज हैं।
2. श्री गुरू अरजन देव जी के चउपदे आदि राग केदारा में अंग 1119 लाइन 3 से लेकर अंग 1122 लाइन 3 तक दर्ज हैं।
3. श्री गुरू अरजन देव जी के छंत अंग 1122 लाइन 5 से लेकर अंग 1122 तक ही हैं।
4. भक्त कबीर जी और भक्त रविदास जी की बाणी अंग 1123 से लेकर अंग 1124 तक दर्ज है।

केदारा राग में बाणी सम्पादन करने वाले बाणीकार:

गुरू साहिबान
1. गुरू रामदास जी
2. गुरू अरजन देव जी

भक्त साहिबान
1. भक्त कबीर जी
2. भक्त रविदास जी

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
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