22. रागु तुखारी
तुखारी राग का जिक्र भारतीय गायन शैली में नहीं मिलता। यह माना जाता है कि इस राग
की रचना श्री गुरू नानक पातशाह जी ने की। इस राग से सम्बन्धित बाणी श्री गुरू ग्रंथ
साहिब जी के अंग 1107 से 1117 तक अंकित है । इस राग का गायन समय दिन का चौथा पहर
है।
महत्वपूर्ण नोट:
1. श्री गुरू नानक देव जी की राग तुखारी छंत में बारह माहा की बाणी अंग 1107 से
लेकर अंग 1113 लाइन 14 तक दर्ज है।
2. श्री गुरू रामदास जी की बाणी के छंत राग तुखारी में अंग 1113 लाइन 15 से लेकर
अंग 1117 लाइन 6 तक दर्ज हैं।
3. श्री गुरू अरजन देव जी की बाणी के छंत राग तुखारी में अंग 1117 लाइन 7 से लेकर
अंग 1117 तक ही दर्ज हैं।
तुखारी राग में बाणी सम्पादन करने वाले बाणीकार:
गुरू साहिबान
1. गुरू नानक देव जी
2. गुरू रामदास जी
3. गुरू अरजन देव जी