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18. रागु रामकली

भारतीय परम्परा में इस राग की प्रसिद्धि इसी कारण है कि इसके गायन से होने वाली प्राप्तियों का जिक्र भारतीय धर्म ग्रंथों में बहुत खूबसूरती से किया हुआ है। योगियों का यह सबसे महत्वपूर्ण राग था। इस राग का सम्बन्ध करूणा से है। श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी में इसके तहत बाणी अंग 876 से 974 तक दर्ज है। इस राग के गायन का समय सूर्य चढ़ने से लेकर पहले पहर तक का है। महत्वपूर्ण बाणियाँ: सिद्ध गोसटि, अनुदं व सदु इसी राग में दर्ज हैं।

महत्वपूर्ण नोट:
1. श्री गुरू नानक देव जी के चउपदे आदि राग रामकली में अंग 876 से लेकर अंग 879 तक दर्ज हैं।
2. श्री गुरू अमरदास जी के चउपदे आदि अंग 880 पर दर्ज हैं।
3. श्री गुरू रामदास जी के चउपदे आदि अंग 880 लाइन 12 से लेकर अंग 882 लाइन 15 तक दर्ज हैं।
4. श्री गुरू अरजन देव जी के चउपदे, दुपदे, पड़ताल आदि अंग 882 लाइन 15 से लेकर अंग 901 लाइन 16 तक दर्ज हैं।
5. श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी की बाणी राग रामकली में अंग 901 लाइन 17 से लेकर अंग 902 लाइन 13 तक दर्ज है।
6. श्री गुरू नानक देव जी की असटपदियाँ अंग 902 लाइन 14 से लेकर अंग 908 लाइन 9 तक दर्ज हैं।
7. श्री गुरू अमरदास जी की असटपदियाँ अंग 908 लाइन 10 से लेकर अंग 912 लाइन 13 तक दर्ज हैं।
8. श्री गुरू रामदास जी की असटपदियाँ अंग 912 लाइन 14 से लेकर अंग 916 तक दर्ज हैं।
9. श्री गुरू अमरदास जी की बहुत ही महत्तवपूर्ण बाणी श्री अनंदु साहिब जी अंग 917 से लेकर अंग 922 तक दर्ज है।
10. राग रामकली में बाणी सदु अंग 923 से लेकर अंग 924 लाइन 5 तक दर्ज है।
11. श्री गुरू अरजन देव जी की बाणी के छंत राग रामकली में अंग 924 लाइन 6 से लेकर अंग 927 लाइन 9 तक दर्ज हैं।
12. श्री गुरू अरजन देव जी की रूती राग रामकली में अंग 927 इलान 10 से लेकर अंग 929 लाइन 16 तक दर्ज है।
13. श्री गुरू नानक देव जी की राग रामकली में दखणी ओअंकारू अंग 929 लाइन 18 से लेकर अंग 938 लाइन 4 तक दर्ज हैं।
14. श्री गुरू नानक देव जी की सिध गोसटि राग रामकली में अंग 938 लाइन 5 अंग 946 तक दर्ज है।
15. रामकली की वार महला-3 (श्री गुरू अमरदास जी) अंग 947 से लेकर अंग 956 तक दर्ज है।
16. रामकली की वार महला-5 (श्री गुरू अरजन देव जी) अंग 957 से लेकर अंग 966 लाइन 13 तक दर्ज है।
17. रामकली की वार राइ बलवंडि तथा सतै की अंग 966 लाइन 14 से लेकर अंग 968 लाइन 18 तक दर्ज है।
18. भक्त कबीर जी, भक्त नामदेव, भक्त रविदास जी, भक्त बेणी जी की बाणी अंग 968 की आखिरी लाइन यानि कि लाइन 19 से लेकर अंग 974 तक दर्ज है।

राग रामकली में बाणी सम्पादन करने वाले बाणीकार:

गुरू साहिबान
1. गुरू नानक देव जी
2. गुरू अंगद देव जी
3. गुरू अमरदास जी
4. गुरू रामदास जी
5. गुरू अरजन देव जी
6. गुरू तेग बहादर साहिब जी

भक्त साहिबान
1. भक्त कबीर जी
2. भक्त नामदेव जी
3. भक्त रविदास जी
4. भक्त बेणी जी

गुरूसिक्ख साहिबान
1. सत्ता एंव बलवंड जी
2. बाबा सुन्दर जी

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
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