SHARE  

 
jquery lightbox div contentby VisualLightBox.com v6.1
 
     
             
   

 

 

 

15. रागु सूही

सूही उत्साह व जोश का राग माना जाता है लेकिन प्राचीन भारतीय राग इतिहास में इसका जिक्र नहीं मिलता। इस राग से सम्बन्धित बाणी श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के अंग 728 से 794 तक दर्ज है। इसके दो रूप: सूही काफी व सूही ललित श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी में अंकित हैं। इस राग के गायन का समय दिन का दूसरा पहर है। सिक्ख के अनंद कारज (विवाह) के समय उच्चारण की जाने वाली लावां की बाणी भी इसी राग में दर्ज है।

महत्वपूर्ण नोट:
1. श्री गुरू नानक देव जी के चउपदे, छैपदे, इकतुका आदि राग सूही में अंग 728 से लेकर अंग 731 लाइन 5 तक दर्ज है।
2. श्री गुरू रामदास जी के चपउदे अंग 731 लाइन 6 से लेकर अंग 736 लाइन 9 तक दर्ज हैं।
3. श्री गुरू अरजन देव जी के चउपदे, पंचपदे, दुतुके आदि अंग 736 लाइन 10 से लेकर अंग 750 लाइन 11 तक दर्ज हैं।
4. श्री गुरू नानक देव जी की असटपदियाँ अंग 750 लाइन 12 से लेकर अंग 753 लाइन 4 तक दर्ज हैं।
5. श्री गुरू अमरदास जी की असटपदियाँ अंग 753 लाइन 5 से लेकर अंग 757 लाइन 8 तक दर्ज हैं।
6. श्री गुरू रामदास जी की असटपदियाँ अंग 757 लाइन 9 से लेकर अंग 759 लाइन 10 तक है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इसमें एक असटपदी में 22 और दूसरी में 14 पदे हैं।
7. श्री गुरू अरजन देव जी की असटपदियाँ अंग 759 लाइन 11 से लेकर अंग 762 लाइन 4 तक दर्ज हैं।
8. श्री गुरू नानक देव जी की बाणी कुचजी, सुचजी और गुणवंती अंग 762 लाइन 5 से लेकर अंग 763 लाइन 8 तक दर्ज हैं।
9. श्री गुरू नानक देव जी के छंत अंग 763 लाइन 10 से लेकर अंग 767 लाइन 14 तक दर्ज हैं।
10. श्री गुरू अमरदास जी के छंत अंग 767 लाइन 15 से लेकर अंग 772 तक दर्ज हैं।
11. श्री गुरू रामदास जी के छंत अंग 773 से लेकर अंग 777 लाइन 5 तक दर्ज हैं।
12. सिक्खी आनंद कारज (विवाह) के समय जो लावां या बाणी गाई जाती है। वह राग सूही में ही अंग 773 लाइन 17 से लेकर अंग 774 लाइन 13 तक दर्ज है।
13. श्री गुरू अरजन देव जी के छंत अंग 777 लाइन 6 से लेकर अंग 785 लाइन 5 तक दर्ज हैं।
14. वार सूही की अंग 785 लाइन 7 से लेकर अंग 792 लाइन 5 तक दर्ज है।
15. भक्त कबीर जी, रविदास जी और शेख फरीद जी की बाणी अंग 792 लाइन 6 से लेकर अंग 794 तक दर्ज है।

राग सूही में बाणी सम्पादन करने वाले बाणीकार:

गुरू साहिबान
1. गुरू नानक देव जी
2. गुरू अंगद देव जी
3. गुरू अमरदास जी
4. गुरू रामदास जी
5. गुरू अरजन देव जी

भक्त साहिबान
1. भक्त कबीर जी
2. भक्त रविदास जी
3. भक्त शेख फरीद जी

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
            SHARE  
          
 
     
 

 

     

 

This Web Site Material Use Only Gurbaani Parchaar & Parsaar & This Web Site is Advertistment Free Web Site, So Please Don,t Contact me For Add.