81. श्री गुरू नानक देव जी की चौथी उदासी कौन-सी थी ?
82. श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी की बाणी का बीज किसने बोया ?
83. श्री गुरू नानक देव जी ने भाई लहणा जी को क्या नाम दिया ?
84. श्री गुरू नानक देव जी ने दूसरा गुरू किसे बनाया ?
85. श्री गुरू नानक देव जी ने सभी अक्षरों के लिए क्या लिखा ?
86. श्री गुरू नानक देव जी कबीर जी से कब मिले ?
87. श्री गुरू नानक देव जी की बाणी में कितने राग हैं ?
88. श्री गुरू नानक देव जी बाणी में कितने शब्द हैं ?
89. श्री गुरू नानक देव जी ने ईश्वर को कैसे ब्यान किया है ?
90. अजूनी का क्या अर्थ है ?
91. सैभं का क्या अर्थ है ?
92. श्री गुरू नानक देव जी के मुख्य कार्य कौन-कौन से थे ?
93. "खरा सौदा" या "सच्चा सौदा" क्या है ?
94. श्री गुरू नानक देव जी ने झुठ बोलने को बाणी में कैसे लिखा
है ?
95. श्री गुरू नानक देव जी के अनुसार सच्ची आरती कौनसी है ?
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गगन मै थाल रवि चंद दीपक बने (अंग 13, 663) अर्थात् परमात्मा
की आरती के लिए आकाश को थाली बनाओ, उसमें सूरज और चन्द्रमाँ को दीपक बनाओ।
तात्पर्य यह है कि परमात्मा इतना बड़ा है कि उसकी छोटी सी थाली में दीपक रखकर
पूजा नहीं की जा सकती। इसलिए आम आदमी केवल परमात्मा का नाम जपे यही परमात्मा की
पूजा है और यही परमात्मा की आरती है।
96. श्री गुरू नानक देव जी की सबसे मुख्य बाणी कौन सी है ?
97. श्री गुरू नानक देव जी दुनिया में शरीर रूप में कितने समय
रहे ?
98. श्री गुरू नानक देव जी जोती-जोत कब समाये ?
99. श्री गुरू नानक देव जी जोती-जोत किस स्थान पर समाये ?
100. बेबे नानकी और भाई जैराम कौन थे ?