1321. श्री गुरू नानक देव जी ने 'पटी' की रचना कब की थी ?
1322. 'बावन अखरी' क्या है ?
1323. 'बावन अखरी' की रचना किस किस की है और किस राग में है
?
1324. श्री गुरू अरजन देव जी की 'बावन अखरी' में कितनी पउड़ियाँ
हैं ?
1325. भक्त कबीर जी की 'बावन अखरी' में कितने छंत हैं ?
1326. 'सदु' का क्या अर्थ है ?
1327. गुरूबाणी में 'सदु' प्रयोग किस प्रकार किया गया है ?
1328. 'सदु' किस विशेष बाणी का शीर्षक भी है ?
1329. 'काफी' काव्य रूप शब्द का सम्बन्ध किस देश की भाषा के
साथ है ?
1330. 'काफी' शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है ?
1331. इस्लाम धर्म के फकीर 'काफी' शब्द का प्रयोग किस रूप
में करते थे ?
1332. श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी ने 'काफी' काव्य रूप को किस
रूप में स्वीकार किया है ?
1333. 'डखणा' काव्य रूप से क्या अर्थ है ?
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इस शीर्षक के नीचे गुरू अरजन देव जी की बाणी दर्ज है। यह
कोई छंत नहीं है पर यह श्री गुरू नानक देव जी की जन्मभूमि से दक्षिण की ओर की
भाषा है। वहाँ के लोग प्रायः 'द' के स्थान पर 'ड' का प्रयोग करते थे। दक्षिणी
पँजाब में इसका अर्थ सूत्रवान किया जाता है। इन अर्थों के अनुसार ऊँटों वाले
अपनी यात्रा के दौरान जो गीत ऊँची सुर लगाकर गाते, उन्हें 'डखणे' कहा जाने लगा।
1334. श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी में गाथा का प्रयोग किस
प्रकार किया गया है ?
1335. श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी में 'गाथा' रचना द्वारा
मनुष्य को क्या शिक्षा दी जा रही है ?
1336. 'फुनहे' से क्या अभिप्राय है ?
1337. श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी में 'फुनहे' के प्रयोग से
क्या उपदेश दिया गया है ?
1338. 'सलोक सहसकृति' क्या है ?
1339. 'सलोक सहसकृति' किसका शीर्षक है ?
1340. सलोक सहसकृति शीर्षक से गुरू साहिब जी ने क्या समझाने
की कोशिश की है ?