1281. श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी में कितने काव्य रूपों का
प्रयोग किया गया है, उनके नाम बतायें ?
1282. पदा किसे कहते हैं ?
1283. 'दुपदे', 'तिपदे', 'चउपदे' और 'पँचपदे' से क्या
अभिप्राय है ?
1284. 'इकतुका' किसे कहते हैं ?
1285. 'तितुका' किसे कहते हैं ?
1286. 'असटपदी' क्या है ?
-
भारतीय काव्य रूपों में अष्टपदी का अपना विलक्षण महत्व है।
गुरू पातशाह ने परम्परागत रूप को पूर्ण तौर पर नहीं अपनाया क्योंकि परम्परा में
आठ पदों वाली कोई भी रचना अष्टपदी कहलाती है पर श्री गुरू ग्रँथ साहिब जी में
इसके कई विलक्षण रूप हैं, इसीलिए कहा जाता है कि श्री गुरू ग्रँथ साहिब जी ने
परम्परा में से समझाने के लिए किसी रूप का प्रयोग किया है तो उसे उसी प्रकार
अपनाने का प्रयत्न नहीं किया बल्कि उसे अपने अनुसार पेश किया है, जैसे श्री गुरू
ग्रँथ साहिब जी में अष्टपदी दो पँक्तियों से लेकर आठ, दस और यहाँ तक कि बीस-बीस
पदों वाली भी हैं। श्री गुरू ग्रँथ साहिब के प्रथम राग में श्री गुरू नानक
साहिब जी एँव श्री गुरू अमरदास साहिब जी की अष्टपदियां तीन पँक्तियों में ही
मिली हैं और पँचम पातशाह की सुखमनी साहिब में दस दस पँक्तियों वाले पदे भी हैं।
1287. 'सोलहे' किसे कहते हैं ?
1288. श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी में 'सोलहे' को किस प्रकार
दर्शाया गया है ?
1289. 'सोलहे' बाणी की विषय वस्तु क्या है ?
1290. 'छंत' क्या है ?
1291. 'छंत' को श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी में किस प्रकार
पेश किया गया है ?
1292. गुरबाणी में 'पदों' के पश्चात् सबसे ज्यादा रूप किसके
हैं ?
1293. 'सलोक' क्या है ?
1294. काव्य रूप के अन्तर्गत 'वार' किसे कहते हैं ?
1295. श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी में 'वारों' की कितनी सँख्या
है ?
1296. श्री गुरू ग्रन्थ साहिब में 22 'वारों' में से 21 'वार'
गुरू साहिबानों की हैं, बाकी 1 'वार' किसकी है ?
1297. श्री गुरू ग्रन्थ साहिब में किस किस गुरू साहिबानों की
वारें हैं ?
1298. श्री गुरू ग्रन्थ साहिब में श्री गुरू नानक देव जी की
कितनी 'वारें' हैं और किस किस राग में हैं ?
1299. श्री गुरू ग्रन्थ साहिब में श्री गुरू अमरदास जी की
कितनी 'वारें' हैं और किस किस राग में हैं ?
1300. श्री गुरू ग्रन्थ साहिब में श्री गुरू रामदास जी की
कितनी 'वारें' हैं और किस किस राग में हैं ?