SHARE  

 
jquery lightbox div contentby VisualLightBox.com v6.1
 
     
             
   

 

 

 

1241. राग भैरो या भैरउ की बाणी श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी के किस अंग से किस अंग तक दर्ज है ?

  • अंग 1125 से 1167

1242. राग भैरो या भैरउ के गायन का क्या समय है ?

  • प्रात:काल

1243. राग भैरो या भैरउ में किस किस गुरू साहिबान की बाणी दर्ज है ?

  • 1. गुरू नानक देव जी
    2. गुरू अमरदास जी
    3. गुरू रामदास जी
    4. गुरू अरजन देव जी

1244. राग भैरो या भैरउ में किस किस भक्त साहिबान की बाणी दर्ज है ?

  • 1. भक्त कबीर जी
    2. भक्त नामदेव जी
    3. भक्त रविदास जी

1245. राग बसंत की बाणी श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी के किस अंग से किस अंग तक दर्ज है ?

  • अंग 1168 से 1196

1246. राग बंसत के गायन का समय क्या है ?

  • इस राग के गायन का समय दिन का दूसरा पहर तथा बसंत ऋतु में किसी भी समय गाया जा सकता है।

1247. राग बंसत की एक अन्य किस्म कौन सी है, जो श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी में दर्ज है ?

  • बसंत हिंडोल

1248. राग बंसत में किस किस गुरू साहिबान की बाणी दर्ज है ?

  • 1. गुरू नानक देव जी
    2. गुरू अमरदास जी
    3. गुरू रामदास जी
    4. गुरू अरजन देव जी
    5. गुरू तेग बहादर साहिब जी

1249. राग बंसत में किस किस भक्त साहिबान की बाणी दर्ज है ?

  • 1. भक्त कबीर जी
    2. भक्त नामदेव जी
    3. भक्त रविदास जी
    4. भक्त रामानन्द जी

1250. राग सारंग क्या है ?

  • सदियों से भारतीय गायन का यह एक प्रमुख राग है। यह माना जाता है कि इस राग में सर्प भी मस्त हो कर नाच उठते हैं भाव भटकते हुए व्यक्तियों को यह राग शाँति तथा शीतलता प्रदान करता है।

1251. राग सारंग की बाणी श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी के किस अंग से किस अंग तक दर्ज है ?

  • अंग 1197 से 1253

1252. राग सारंग के गायन का क्या समय है ?

  • दिन का तीसरा पहर

1253. राग सारंग में किस किस गुरू साहिबान की बाणी दर्ज है ?

  • 1. गुरू नानक देव जी
    2. गुरू अंगद देव जी
    3. गुरू अमरदास जी
    4. गुरू रामदास जी
    5. गुरू अरजन देव जी
    6. गुरू तेग बहादर साहिब जी

1254. राग सारंग में किस किस भक्त साहिबान की बाणी दर्ज है ?

  • 1. भक्त कबीर जी
    2. भक्त नामदेव जी
    3. भक्त परमानन्द जी
    4. भक्त सुरदास जी

1255. राग मलार के बार में क्या कहा जाता है ?

  • पुरानी भारतीय कहावत है कि अगर 12 माह में से सावन का महीना निकाल दिया जाए तो पीछे कुछ नहीं बचता। इसका भाव यह है कि मनुष्य जीवन में सावन महीने का महत्वपूर्ण स्थान है, इसीलिए मलार राग का गायन भी सावन व भादों के महीने में ज्यादा किया जाता है। यह राग मनुष्य के भीतर छिपे हाव-भावों की तर्ज़मानी करता है ।

1256. राग मलार किस समय गाया जाता है ?

  • वैसे यह राग रात के तीसरे पहर गाया जाता है पर वर्षा ऋतु में यह किसी भी समय गायन किया जा सकता है।

1257. राग मलार की बाणी श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी के किस अंग से किस अंग तक दर्ज है ?

  • अंग 1254 से 1293

1258. राग मलार में किस किस गुरू साहिबान की बाणी दर्ज है ?

  • 1. गुरू नानक देव जी
    2. गुरू अंगद देव जी
    3. गुरू अमरदास जी
    4. गुरू रामदास जी
    5. गुरू अरजन देव जी

1259. राग मलार में किस किस भक्त साहिबान की बाणी दर्ज है ?

  • 1. भक्त नामदेव जी
    2. भक्त रविदास जी

1260. राग कानड़ा क्या है ?

  • गायन करने वालों ने इसके अनेक भेद भी कल्पित किए हैं। बेशक इस राग को कठिन राग माना गया है, पर इसके बावजूद इसकी लोकप्रियता ज्यों की त्यों है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
            SHARE  
          
 
     
 

 

     

 

This Web Site Material Use Only Gurbaani Parchaar & Parsaar & This Web Site is Advertistment Free Web Site, So Please Don,t Contact me For Add.