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841. सरदार महा सिंह जी के पुत्र का क्या नाम था ?

  • महाराजा रणजीत सिंघ जी

842. कन्हैया मिसल के सँस्थापक व जत्थेदार कौन थे ?

  • सरदार जय सिंह

843. फुल्कियाँ मिसल के सँस्थापक कौन थे ?

  • बाबा आला सिंह जी इनका जीवनकाल 1696 ईस्वी से 1765 ईस्वी तक का है।

844. फुल्कियाँ मिसल के बारे में क्या बात प्रसिद्ध है ?

  • फुल्कियां मिसल के पूर्वज चौधरी फूल जी थे जो सन्धु जाट कहलाते थे। वर्तमान फुल्कियाँ रियासतों अर्थात पटियाला, नाभा और जींद के महाराजाओं का सम्मिलित पितामा बालक फूल था। जिसे सिक्खों के सातवें गुरू हरिराय जी से आशीर्वाद प्राप्त हुआ था कि इस बालक की सन्तानें बहुत बड़े नरेश होंगे। जिनके घोड़े यमुना नदी तक का पानी पिया करेंगे आदि।

845. नवाई मिसल के सँस्थापक कौन थे ?

  • सरदार हीरा सिंह जी

846. डल्लेवालिया मिसल के सँस्थापक कौन थे ?

  • सरदार गुलाब सिंह जी

847. शहीद सिंह अथवा निहंग मिसल के सँस्थापक कौन थे ?

  • शहीद सिंह अथवा निहंग मिसल की नींव रखनेवाले वे सिक्ख थे, जो मुसलमान शासकों के अत्याचारों से तँग आकर धर्म के नाम पर मन मिटने के लिए एक सँगठन बनाकर उनका विरोध किया करते थे। बाबा विनोद सिंह जी के समय इस जत्थे का गठन हो गया था।

848. बाबा विनोद सिंह जी के बाद शहीद सिंघ अथवा निहंग मिसल का नेतृत्व किसने सम्भाला ?

  • बाबा दीप सिंघ जी

849. निशानवालिया मिसल क्या है ?

  • प्रत्येक सेना में निशान (पताका) का महत्त्व माना जाता है। निशान के गिरने से सेना का मनोबल ही नहीं टूट जाता है बल्कि पराजय भी हो जाती है। निशान (झण्डा) न गिरने देना ही युद्ध भूमि में विजयघोष करवाता है। अतः समस्त सिक्ख मिसलों में से चुने हुए सिक्ख छाँटकर इस जत्थे में सम्मिलित किये गये थे। जब निशान ध्वज उठाने वाला युद्ध में शहीद हो जाता था तो निशान गिरने से पूर्व ही दूसरा निशान को उठा लेता था।

850. करोड़ सिंघिया मिसल क्या है ?

  • करोड़ सिंहिया मिसल के पूर्वज सरदार शाम सिंह जी गाँव नारली के निवासी थे। सन् 1739 ईस्वी में आप जी नादिरशाह की सेना से जूझते हुए वीरगति को प्राप्त हो गये। तत्पश्चात् उनका सहयोगी सरदार कर्म सिंह इस जत्थे के मुख्य बने परन्तु वह भी सन् 1746 ईस्वी के एक युद्ध में शहीद हो गये। तब इस जत्थे का नेतृत्त्व सरदार करोड़ा सिंह जी ने सम्भाला। आप गाँव फैजगढ़ जिला गुरदासपुर के निवासी थे। जब सन् 1748 ईस्वी में मिसलों का गठन किया गया तब आपके जत्थे को एक मिसल की मान्यता प्राप्त हुई।

851. करोड़ सिंहिया मिसल का पहले क्या नाम था ?

  • फैजगढ़िया

852. फैजगढ़िया मिसल का नाम करोड़ सिंहिया मिसल कैसे पड़ा ?

  • सरदार करोड़ सिंह जी की वीरता के कारण।

853. अहमदशाह अब्दाली को उसके चौथे आक्रमण में दिल्ली से लौटते समय सर्वप्रथम किस जत्थे या मिसल ने उसे बुरी तरह लूटा और उससे अनेकों बन्दी बनाई गई अबलाओं को छुड़वाने में सफल हुए ?

  • करोड़ सिंहिया मिसल

854. दिल्ली के शासक नजीबुद्दौला की सेना से लोहा लेते समय सरदार करोड़ा सिंह जी गोली लगने से वीरगति को प्राप्त हुए। इस पर उनके स्थान पर मिसल के सरदार कौन बने ?

  • सरदार बघेल सिंह जी

855. सरदार बघेल सिंह जी ने किसके शिविर को बुरी तरह लूट लिया, जब उसने भारत पर आठवाँ आक्रमण किया ?

  • अहमदशाह अब्दाली

856. सरदार बघेल सिंघ और सरदार जस्सा सिंघ रामगढ़िया और अन्य सिक्ख मिसलों द्वारा दिल्ली पर कब्जा करने के बाद, बादशाह शाह आलम द्वितीय से उन्होंने क्या संधि की ?

  1. खालसा दल को तीन लाख रूपये हर्ज़ाना के रूप में दिये जायें।

  2. नगर की कोतवाली तथा चुँगी वसूल करने का अधिकार सरदार बघेल सिंह को सौंप दिया जायेगा।

  3. जब तक गुरूद्वारों का निर्माण सम्पूर्ण न हो जाये, तब तक सरदार बघेल सिंह चार हजार सैनिक अपने साथ रख सकेंगे।

857. तीस हजारी कोर्ट के नाम से विख्यात स्थान का नाम तीस हजारी कोर्ट कैसे पड़ा। यहाँ पर आजकल तीस हजारी मैट्रो रेलवे स्टेशन है ?

  • जब सिक्खों द्वारा दिल्ली पर कब्जा किया गया, तब इस समय दल खालसा के तीस हजार सैनिक दिल्ली में अपना विशाल शिविर बनाकर समय की प्रतीक्षा कर रहे थे। यही शिविर स्थल, दल खालसे की छावनी बाद में तीस हजारी कोर्ट के नाम से विख्यात हुई।

858. दल खालसा ने दिल्ली पर कब धावा बोला था ?

  • सन 1783 ईस्वी

859. सरदार बघेल सिंघ जी के लिए सबसे कठिन कार्य किस गुरूद्वारा साहिब के सही स्थान के निर्धारण में आया और इसका उपाय कैसे निकला ?

  • सरदार बघेल सिंह जी के लिए सबसे कठिन कार्य उस स्थान को खोजना था, जहाँ श्री गुरू तेग बहादुर साहिब जी को शहीद किया गया था। आपने एक वृद्ध स्त्री को खोजा जिसकी आयु उस समय लगभग 117 वर्ष थी। उसने बताया कि जहां चाँदनी चौक में मस्जिद है, वही स्थल है, जहां गुरूदेव विराजमान थे और उन पर जल्लाद ने तलवार चलाई थी। उसने बताया कि मैं उन दिनों 9 वर्ष की थी और अपने पिता के साथ आई थी। मेरे पिता ने वह स्थल अपनी मश्क से पानी डालकर धोया था। यह मस्जिद उन दिनों नहीं हुआ करती थी।

860. सरदार बघेल सिंघ जी द्वारा दिल्ली में किन-किन ऐतिहासिक गुरूद्वारों का निर्माण करवाया गया ?

  1. श्री माता सुन्दर कौर साहिब जी

  2. श्री बँगला साहिब जी

  3. श्री रकाबगँज साहिब जी

  4. श्री शीशगँज (सीसगँज) साहिब जी

  5. श्री नानक प्याऊ साहिब जी

  6. श्री मँजनू का टीला साहिब जी

  7. श्री मोती बाग साहिब जी

  8. श्री बाला साहिब जी

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
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