801. "अहमदशाह अब्दाली" ने भारत की उस समय की सबसे बड़ी शक्ति
मराठों को तो परास्त किया था परन्तु वह किसके सामने बेबस और लाचार होकर रह गया ?
802. 13 अप्रैल, 1763 की वेशाखी के महोत्सव के समय, सरदार
जस्सा सिंघ जी के पास एक पीड़ित ब्राह्मण आया, जिसने अकाल तख्त के सम्मुख पुकार की,
कि कसूर क्षेत्र के हाकिम ने उसकी नव नवेली दुल्हन, जिसकी वह उस समय डोली अपने घर
ले जा रहा था, रास्ते में छीन ली है। 1. उस हाकिम का नाम क्या था ? 2 दल खालसा ने
उसकी किस प्रकार सहायता की ?
803. सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया जी ने अहमदशाह द्वारा
नियुक्त जालन्धर के फौजदार सआदत खान को ललकारा। वह तो जालन्धर से बाहर आने का साहस
तक न कर सका। अतः जस्सा सिंह जी ने उसके नायब विशम्बर दास लसाड़ा को उड़मुड़ टाँड में
पराजित करके वहाँ के बहुत से गाँवों पर अपना नियन्त्रण कर लिया। इस प्रकार सआदत खान
भय के मारे भागकर लाहौर चला गया। तद्पश्चात उन्होंने काठगढ़ के गोले खान तथा शँकरगढ़
के मुस्लिम राजपूतों के होश ठिकाने लगाकर दोनों स्थानों पर अधिकार कर लिया। इस
प्रकार समस्त सिक्खों के लिए कौनसा मार्ग सदैव के लिए सुरक्षित हो गया ?
804. सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया जी की अगुवाई में सरहन्द
पर सिक्खों का अधिकार कब हुआ ?
805. खालसा दल ने सरहिन्द को दुर्रानियों से छीनकर कौनसा बदला
चुकता कर दिया ?
806. "सरहिन्द नगर" गुरू द्वारा "शापित" है, यह "किँवदन्ति
प्रसिद्धि" पर थी। जनसाधारण लोग इस शहर को किस नाम से जानते थे ?
807. सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया जी को किसी व्यक्ति द्वारा
कही गई, श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी की वो कौन सी भविष्यवाणी थी, जिसका भले ही कोई
ठोस प्रमाण उपलब्ध न था, तो भी सरदार जस्सा सिंह जी ने गुरू साहिब के नाम से जुड़ी
भविष्यवाणी सत्य सिद्ध करने के लिए वो कार्य किये ?
808. सरहन्द में तब से क्या प्रथा बन गई थी ?
809. सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया जी ने अब्दाली द्वारा नष्ट
किये गये दरबार साहिब के भवन का निर्माण करने के लिए क्या उपाय निकाला ?
810. जस्सा सिंह आहलूवालिया जी के नेतृत्व में सिक्खों ने कब
लाहौर नगर पर कब्जा किया, जिससे लगभग सारा ही पँजाब सिक्खों के अधिकार क्षेत्र में
आ गया ?
811. सरबत खालसा का बाबा आला सिंह से क्या मतभेद था ?
812. सरबत खालसा का बाबा आला सिंह जी के बारे में क्या कहना
था ?
813. किसने "सरबत खालसा" और "बाबा आला सिंघ जी" के मध्य
समझौता करवाया और उन्होंने सिक्खों को समझाया कि बीती बातों को भूल जाओ, अपने ही
भाइयों के सिर फोड़ने से कोई लाभ न होगा। सभी ने यह बात मान ली। इस पर बाबा आला सिंह
को दोबारा अमृतपान कराया गया। इस प्रकार यह सैद्धान्तिक मतभेद समाप्त हो गया ?
814. अहमदशाह अब्दाली का निधन कैसे हुआ ?
815. सिक्ख मिसलों की सँख्या कितनी थी ?
816. सिक्ख मिसलें क्या हैं ?
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नवाब कपूर सिंह के स्थान पर सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया
नेता नियुक्त हुए। अगले बीस वर्षों में परिस्थिति के अनुसार दल खालसा को
आवश्यकता अनुसार ग्यारह-बारह बड़े दलों में बाँट दिया गया। प्रत्येक दल का अपना
अपना सरदार, अपना अपना निशान और अपनी ही उपाधियाँ होती थीं किन्तु शक्ति में वे
सब एक जैसे न थे। कुछ समय के बाद ये बारह जत्थे "मिसले" कहलाने लगीं।
817. सिक्ख मिसल कौन कौन सी थीं ?
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फैजलपुरिया अथवा सिंघपुरिया मिसल
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आहलूवालिया मिसल
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रामगढ़िया मिसल
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भँगी मिसल
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शुक्रचकिया मिसल
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कन्हैया मिसल
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फुल्कियाँ मिसल
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नवाई मिसल
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डल्लेवालिया मिसल
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शहीद सिंह अथवा निहंग मिसल
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निशानवालिया मिसल
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करोड़ सिंघिया मिसल
818. सर्वप्रथम किस मिसल की उत्पत्ति हुई ?
819. फैजलपुरिया मिसल के नेता कौन थे ?
820. फैजलपुरिया मिसल का नाम सिंहपुरिया मिसल कैसे प्रसिद्ध
हो गया ?