41. किसने अहमदशाह को "सरहन्द" से "लाहौर" वापिस जाने पर
मजबूर कर दिया ?
742. मुगलों और अफगानों के आपसी युद्ध में सिक्ख तटस्थ थे
परन्तु लौटते हुए अहमदशाह अब्दाली पर कुछ छापामार युद्ध किये, जिसमें वे शत्रु से
कुछ रण सामग्री प्राप्त कर सके। इस कार्य में किसने सबसे ज्यादा बढ़कर योगदान किया ?
743. मीर मन्नू की पँजाब के राज्यपाल पद पर नियुक्ति कब हुई
?
744. मीर मन्नू ने लाहौर में प्रवेश करते ही क्या कदम उठाये
?
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अहमदशाह अब्दाली द्वारा नियुक्त जल्हे खान और दीवान लखपत
राय को कैद कर लिया।
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दीवान लखपत राय को तीस लाख रूपये का दण्ड किया गया
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कौड़ा मल को अपना नाइब तथा दीवान ए अदालत नियुक्त किया गया।
745. तीस लाख रूपये के जुर्मानें में से अठारह लाख की राशि
तो लखपत राय ने स्वयँ अदा कर दी, दो लाख रूपये के बदले में उसकी सम्पत्ति कुर्क कर
ली गई, शेष दस लाख की अदायगी में असमर्थ रहने के कारण उसे आजीवन कारावास दे दिया गया।
दीवान कौड़ामल ने वह दस लाख रूपये इस शर्त पर भरने की इच्छा व्यक्त की कि बदले में
लखपत राय को उसके हवाले कर दिया जाये। ऐसा ही किया गया और लखपत राय को दीवान कौड़ामल
ने अपने कब्जे में ले लिया। तुरन्त बाद कौड़ामल ने लखपत राय को किसे सौंप दिया ?
746. सिक्खों ने, लखपत राय जो कि सिक्खों की बेवजह हत्याऐं
करने और "छोटे घल्लूघारे" (विपत्तिकाल) का दोषी था, उसके साथ क्या व्यवहार किया ?
747. मीर मन्नू ने सिक्खों के किस किले की घेराबन्दी कर ली ?
748. मीर मन्नू द्वारा सिक्खों को कौन सी जागीर दी गई थी ?
749. "मीर मन्नू" द्वारा सिक्खों की बढ़ती हुई ताकत को दबाने
के लिए उसने सर्वप्रथम क्या किया ?
750. मीर मन्नू द्वारा आम सिक्ख नागरिकों पर किस प्रकार
अत्याचारों की हद कर दी गई ?
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पहले अभियानों में केवल युवा पुरूषों को ही निशाना बनाया
जाता था परन्तु मीर मन्नू ने नन्हें बच्चों, महिलाओं और वृद्ध लोगों को भी नहीं
बक्शा।
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फौजी टुकड़ियों ने शिकारी कुत्तों की तरह गाँव–गाँव से सिक्ख
स्त्रियों और बच्चों को पकड़ लिया और लाहौर ले आये। इन निर्दोष स्त्रियों को
लाहौर की घोड़मँडी में बँद कर दिया गया।
751. मीर मन्नू द्वारा पकड़े गई निर्दोष स्त्रियों को जिन्हें
लाहौर की घोड़मँडी में बँद कर दिया गया। कितना अनाज प्रतिदिन पीसने को दिया जाता था
?
752. मीर मन्नू द्वारा लाहौर की घोड़मँडी में बंद सिक्ख
स्त्रियों को खाने के लिए क्या दिया जाता था ?
753. मीर मन्नू द्वारा लाहौर की घोड़मँडी में बँद सिक्ख
स्त्रियों को, इस्लाम स्वीकार करने के लिए विवश किया जाता था, जब सिंघनियाँ इन्कार
करती तो सैनिक किस प्रकार की क्रूरता करते थे ?
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वे इनकी आँखों के समक्ष उनके नन्हें बालकों के टुकड़े–टुकड़े
करके उनके आँचल में फैंक देते। यही पर बस नहीं, दूध पीते बच्चों को हवा में
उछालकर नीचे भाला रखकर उसे उस पर टाँग लेते, जिससे बच्चा उसी क्षण मर जाता। हम
बलिहारी हैं उन सिंघनियों के साहस पर, जो इन असहाय कष्टों को हंसते-हंसते झेलती
रहीं और अपने दृढ़ निश्चय पर अटल रहीं।
754. इतिहास के अनुसार मुगलों ने, जो सिक्खों के नरसँहार किये
वो कौन से हैं ?
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पहला बहादुरशाह के शासनकाल सन् 1710 से 1712 तक।
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फर्रूखसीयर तथा नवाब अब्दुलसमद खान द्वारा, समय सन् 1715 से
1719 तक।
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लाहौर के नवाब जक्रिया खान द्वारा सन् 1728 से 1735 तक।
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चौथा नरसँहार जक्रिया खान के ही शासनकाल में पुनः जागीर
जब्ती के बाद किया गया, सन् 1739 से 1745 तक, जब तक उसकी मृत्यु नहीं हो गई।
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पाँचवा नरसंहार यहिया खान के कार्यकाल में सन् 1745 से 1746
तक, जब तक उसके भाई शाह निवाज ने लाहौर से खदेड़कर भगा नहीं दिया।
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मीर मन्नू के आदेश से छठे और अन्तिम नरसँहार का आहवान तो सन्
1748 ईस्वी में कर दिया गया, परन्तु कौड़ामल की उपस्थिति के कारण यह लागू नहीं
हो पाया। जब कौड़ामल शहीद हो गया तो मीर मन्नू ने उसी आदेश को पुनः सन् 1752 से
लागू कर दिया।
755. किसने 18 फरवरी, 1753 में श्री आनन्दपुर साहिब जी पर उस
समय आक्रमण कर दिया, जबकि सिक्ख होली का त्योहार मनाने में व्यस्त थे ?
756. सिक्खों को समाप्त करने के लिए "फौजी टुकड़ियों की कमान
किसने सम्भाली और सिक्खों का शिकार करने निकल पड़ा ?
757. मीर मन्नू की मृत्यु किस प्रकार हुई ?
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उसे गुप्तचर विभाग ने सूचना दी कि मलकपुर नामक गाँव के निकट
सिक्खों का एक जत्था पहुँच गया है जो कि श्री अमृतसर साहिब जी की ओर बढ़ रहा है,
बस फिर क्या था, मीर मन्नू बहुत बड़ी सँख्या में सैनिक लेकर वहाँ पहुँच गया। इस
पर सिक्ख मार्ग से हटकर गन्ने के खेतों में छिप गये। परन्तु मीर मन्नू सिक्खों
के शिकार करने के उद्देश्य से वहाँ पहुँच गया और गन्ने के खेतों में सिक्खों को
ढूँढने लगा। ठीक उसी समय एक सिक्ख जवान ने निशान साधकर गन्ने के खेतों से मीर
मन्नू पर गोली चला दी। निशान चूक गया परन्तु मीर मन्नू का घोड़ा घायल हो गया,
जिससे वह भय में बिदक गया और सरपट भागने लगा। ऐसे में मीर मन्नू घोड़े से उतरना
चाहता था, उतरते समय उसका पाँव घोड़े की रकाब में फँस गया परन्तु बेकाबू हुआ घोड़ा
सरपट भागता ही गया, जिस कारण मीर मन्नू घिसटता हुआ सिर की चोटें खाता चला गया।
जब घोड़े को पकड़ा गया तो मीर मन्नू जमीन की रगड़ के कारण लहुलुहान व बेहोश मिला।
घायल अवस्था में ही मीर मन्नू 2 नवम्बर, 1753 ईस्वी को मृत घोषित हो गया।
758. "मीर मन्नू" की मृत्यु का लाभ उठाकर "सिक्खों" ने सबसे
पहले क्या कार्य किया ?
759. मुफ्ती अली-उद्दीन अपनी पुस्तक "इबरतनामा" में मीर मन्नू
के बारे में क्या लिखता है ?
760. मीर मन्नू के समय सिक्खों में जो किँवदन्ति प्रचलित हो
गई थी, वह क्या थी और उसका अर्थ क्या है ?
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मन्नू असाडी दातरी, असी मन्नू के सोए।
जिउं जिउं सानू वडदा, असी दूण सवाए होए।
इसका भावार्थ यह है कि "मीर मन्नू हमारे लिए राँती है, ज्यों ज्यों वह हमें
काटता है, हम जँगली घास की तरह और अधिक उगते हैं।