SHARE  

 
jquery lightbox div contentby VisualLightBox.com v6.1
 
     
             
   

 

 

 

44. जोती जोत समाना

भक्तों और महापुरूषों को पहले से ही पता होता है कि हमें इस सँसार से कब कूच करना है। भक्त नामदेव जी को अपने अन्तिम समय के बारे में मालूम था और वो खुशी के साथ अपने अन्तिम समय की प्रतीक्षा कर रहे थे। आखिर वो दिन आ ही गया। भक्त नामदेव जी शनिवार 3 जुलाई सन 1350 ईस्वी में पँडरपुर में जोती जोत समा गए। उनकी समाधि पँडरपुर के मन्दिर में चड़ती तरफ बनाई गई। इस दरवाजे का नाम नामदेव द्वार करके प्रसिद्ध है। भक्त नामदेव जी का परिवार: भक्त नामदेव जी के परिवार में उनको मिलाकर और माता, पिता, पुत्र, पुत्री, बहुओं और दासी समेत कुल 15 सदस्य थे।

1. पिता: दामशेट
2. माता: गोणाबाई
3. आप: भक्त नामदेव जी
4. पत्नी: राजा बाई

चार पुत्र:
1. नाराइण दास
2. गोबिन्द दास
3. महांदेव
4. विठल दास

चार बहुएँ:
1. लाड़ाबाई
2. गोडाई
3. योशाई
4. साकाराई

बहिन, सुपुत्री और दासी:
1. आऊबाई (बहिन)
2. लिंबाबाई (सुपुत्री)
3. जानाबाई (दासी)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
            SHARE  
          
 
     
 

 

     

 

This Web Site Material Use Only Gurbaani Parchaar & Parsaar & This Web Site is Advertistment Free Web Site, So Please Don,t Contact me For Add.