3. पड़ताल
पड़ताल का सम्बन्ध गायन से है। पड़ताल से भाव है पटताल, चार ताल का भेद। कीर्तन में
ताल को बार बार परताए जाने को पड़ताल कहा जाता है। श्री गुरू ग्रँथ साहिब जी में आया
शीर्षक ‘पड़ताल’ इस बात का सूचक है कि इस शब्द के गायन समय शब्द के हर अंतरे में तबले
की ताल बदलनी है। उदाहरण के लिएः
आसा महला ५ घरु १५ पड़ताल
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
बिकार माइआ मादि सोइओ सूझ बूझ न आवै ॥
पकरि केस जमि उठारिओ तद ही घरि जावै ॥१॥
लोभ बिखिआ बिखै लागे हिरि वित चित दुखाही ॥
खिन भंगुना कै मानि माते असुर जाणहि नाही ॥१॥
रहाउ ॥ बेद सासत्र जन पुकारहि सुनै नाही डोरा ॥
निपटि बाजी हारि मूका पछुताइओ मनि भोरा ॥२॥
डानु सगल गैर वजहि भरिआ दीवान लेखै न परिआ ॥
जेंह कारजि रहै ओल्हा सोइ कामु न करिआ ॥३॥
ऐसो जगु मोहि गुरि दिखाइओ तउ एक कीरति गाइआ ॥
मानु तानु तजि सिआनप सरणि नानकु आइआ ॥४॥१॥१५२॥