SHARE  

 
jquery lightbox div contentby VisualLightBox.com v6.1
 
     
             
   

 

 

 

9. अलाहणीआ

इस शीर्षक के अधीन गुरू नानक पातशाह व गुरू अमरदास जी की बाणी श्री गुरू ग्रँथ साहिब जी में दर्ज है। भारतीय परम्परा में अलाहुणियों का प्रयोग मृतक प्राणी के लिए किया जाता था जिसमें एक औरत उसके गुणों को रूमान करती और बाकी औरतें उसके पीछे विलाप करती। इन्हें शोकमई गीत स्वीकार किया जाता है। गुरू साहिबान ने परम्परागत रवायत को अस्वीकार करते हुए यह बताया कि परमात्मा ही इस जगत का कर्ता, पालनहार व खात्मा करने वाला है। साथ ही मनुष्य थोड़े समय के लिए है। जब मनुष्य की हस्ती स्थायी नहीं तो फिर उसके गुण गायन करने का क्या अर्थ। गुण गायन केवल अकालपुरख (परमात्मा) के ही किए जा सकते हैं। असल में इस बाणी द्वारा मौत के भय को दूर करके निर्भय पद की प्राप्ति की ओर बढ़ने का सँकेत है।

उदाहरण के लिएः
रागु वडहंसु महला १ घरु ५ अलाहणीआ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
धंनु सिरंदा सचा पातिसाहु जिनि जगु धंधै लाइआ ॥
मुहलति पुनी पाई भरी जानीअड़ा घति चलाइआ ॥
जानी घति चलाइआ लिखिआ आइआ रुंने वीर सबाए ॥
कांइआ हंस थीआ वेछोड़ा जां दिन पुंने मेरी माए ॥
जेहा लिखिआ तेहा पाइआ जेहा पुरबि कमाइआ ॥
धंनु सिरंदा सचा पातिसाहु जिनि जगु धंधै लाइआ ॥१॥
साहिबु सिमरहु मेरे भाईहो सभना एहु पइआणा ॥
एथै धंधा कूड़ा चारि दिहा आगै सरपर जाणा ॥
आगै सरपर जाणा जिउ मिहमाणा काहे गारबु कीजै ॥
जितु सेविऐ दरगह सुखु पाईऐ नामु तिसै का लीजै ॥
आगै हुकमु न चलै मूले सिरि सिरि किआ विहाणा ॥
साहिबु सिमरिहु मेरे भाईहो सभना एहु पइआणा ॥२॥
जो तिसु भावै सम्रथ सो थीऐ हीलड़ा एहु संसारो ॥
जलि थलि महीअलि रवि रहिआ साचड़ा सिरजणहारो ॥
साचा सिरजणहारो अलख अपारो ता का अंतु न पाइआ ॥
आइआ तिन का सफलु भइआ है इक मनि जिनी धिआइआ ॥
ढाहे ढाहि उसारे आपे हुकमि सवारणहारो ॥
जो तिसु भावै सम्रथ सो थीऐ हीलड़ा एहु संसारो ॥३॥
नानक रुंना बाबा जाणीऐ जे रोवै लाइ पिआरो ॥
वालेवे कारणि बाबा रोईऐ रोवणु सगल बिकारो ॥
रोवणु सगल बिकारो गाफलु संसारो माइआ कारणि रोवै ॥
चंगा मंदा किछु सूझै नाही इहु तनु एवै खोवै ॥
ऐथै आइआ सभु को जासी कूड़ि करहु अहंकारो ॥
नानक रुंना बाबा जाणीऐ जे रोवै लाइ पिआरो ॥४॥१॥ अंग 578

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
            SHARE  
          
 
     
 

 

     

 

This Web Site Material Use Only Gurbaani Parchaar & Parsaar & This Web Site is Advertistment Free Web Site, So Please Don,t Contact me For Add.