SHARE  

 
jquery lightbox div contentby VisualLightBox.com v6.1
 
     
             
   

 

 

 

10. श्री गुरू अमरदास साहिब जी

1479 ईस्वी को बासरके गाँव में पिता तेजभान जी व माता राम कौर जी के घर (तृत्तीय गुरू) अमरदास जी का जन्म हुआ। आप जी का खानदानी पेशा व्यापार व खेती था। पिता वैदिक धर्म के धरणी थे और हिन्दू रीति-रिवाज से आपका अटूट विश्वास था। यही विश्वास और परम्परा को अमरदास जी ने ग्रहण किया व पिता की तरह आप हरिद्वार जाने व दान, व्रत व पुण्य की क्रिया भी पूर्ण करने लगे। आप जी के भतीजे के साथ गुरू अंगद पातशाह की साहिबजादी बीबी अमरों का विवाह हुआ था। उन्हीं से ही आप ने गुरू पातशाह की बाणी सुनी, तन-मन में ऐसी ठँडक महसूस की कि गुरू अंगद पातशाह के चरणों पर गिर पड़े और फिर उन्हीं के हो कर रह गए। गुरू नानक पातशाह की बाणी के साथ आप जी की रूह ऐसी शरसार हुई कि न बुढ़ापे का कोई असर था और न ही कुड़माचारी की कोई झिझक। गुरू अंगद पातशाह की पारखी नज़र ने परख लिया कि गुरगद्दी का असली उत्तराधिकारी आ पहुँचा है, पर इसके बावजूद परख हुई जिसमें आप पूर्ण उतरे। 1542 ईस्वी में 63 वर्ष की आयु में बाबा बुढ्ढा जी के हाथों से आपको गुरगद्दी पर बिठाया गया और आप जी को श्री गोइँदवाल साहिब जी जाकर प्रचार करने का हुक्म हुआ। श्री गुरू अमरदास जी ने सिर झुकाकर हुक्म की तामील की और श्री गोइँदवाल जाकर विराजमान हुए। आपने गुरू नानक पातशाह के सिद्धान्त को आगे बढ़ाया। आप जी ने संगत, लँगर व सेवा को परिपक्व किया, मँजी व पीड़ों की स्थापना की और सती प्रथा व पर्दे की मनाही के आदेश दिए। साथ ही आपने यह हुक्म जारी कर दिया कि लँगर में प्रशादा लिए बिना कोई भी गुरू दरबार में हाज़री नहीं भरेगा। आपने गोइंदवाल में बाउली की उसारीकर तथा ‘चक्क गुरू दी’ पर मोहर लगाकर सिक्ख धार्मिक केन्द्रीय स्थान की ओर सँकेत कर दिया। लगभग 95 वर्ष की आयु में आप 1574 ईस्वी को श्री गोइँदवाल साहिब जी में ही ज्योति जोति समा गए और सिक्खी के वारिस के रूप में ‘भाई जेठा’ जी को चुना, जो बाद में श्री गुरू रामदास साहिब जी के नाम से गुरगद्दी पर सुशोभित हुए।

बाणी रचना: 869 शब्द, 17 रागों में
प्रमुख बाणियाँ: श्री अनंद साहिब, पटी तथा 4 वारें: राग गूजरी, सूही, रामकली व मारू में

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
            SHARE  
          
 
     
 

 

     

 

This Web Site Material Use Only Gurbaani Parchaar & Parsaar & This Web Site is Advertistment Free Web Site, So Please Don,t Contact me For Add.