SHARE  

 
jquery lightbox div contentby VisualLightBox.com v6.1
 
     
             
   

 

 

 

14. भाई मीहं जी

श्री गुरू तेग बहादुर साहिब जी, श्री गुरू नानक देव साहिब जी के सिद्धान्तों (मिशन) का प्रचार करते हुए जिला करनाल, हिसार व रोहतक इत्यादि क्षेत्र में विचरण कर रहे थे, उन दिनों उस क्षेत्र को बाँगर देश कहते थे कि तभी गुरु साहिब जी के सम्पर्क में एक श्रद्धालु आया, जिसका नाम रामदेव था, वह युवक धमधाण साहिब नामक कस्बे का निवासी था। उसके मन में गुरूदेव की सेवा करने की सदैव इच्छा बनी रहती थी, उस युवक ने महसूस किया कि गुरूदेव जी के काफिले में कभी कभी पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। उसने इस कार्य को अपने जिम्मे ले लिया और पानी ढ़ोने की सेवा करने लगा। प्रातःकाल ही वह सिर पर गागर उठाकर पानी भरने के लिए चल देता और दिनभर पानी ढ़ोता रहता। जब पानी की आवश्यकता नहीं भी होती तो भी वह पानी लाकर चारों ओर छिड़काव कर देता। पानी ढ़ोने से वह न ऊबता और न ही कभी थकान महसूस करता। एक दिन पानी की गागर उतारते समय उसके सिर से बिनूं (पानी की गागर थामने के लिए बनाया कपडे का गोल चक्र) गिर गया। अकस्मात् माता गुजरी जी का ध्यान उसके सिर पर पड़ा तो उन्होंने पाया कि सेवादार रामदेव के सिर में घाव हो गया है, उन्होंने उसे तुरन्त उपचार करने को कहा, किन्तु रामदेव ने फिर से गागर उठा ली और पानी लाने चल पड़ा। माता जी ने उसकी सेवा और श्रद्धा की प्रशँसा करते हुए गुरूदेव से कहा कि कृप्या आप उस सेवक की मनोकामना अवश्य ही पूर्ण करें। गुरूदेव जी तो पहले ही उससे प्रसन्न थे, उसकी सेवा को मद्देनजर रखकर उसे भाई मींह कहते थे, जिसका अर्थ है कि वह सेवक पानी इस तरह बरसाता है, मानों वर्षा हो रही हो। अतः मीहं बरसाने वाला सेवक। गुरूदेव जी ने भाई मींह (रामदेव) को पास बुलाकर उसकी मनोकामना पूछी। वह कहने लगा कि उसे तो उनकी सेवा ही चाहिए। इसी में उसे खुशी मिलती है, उसने और किसी दुसरी वस्तु की कामना नहीं की। उसकी निष्काम सेवा पर गुरूदेव प्रसन्न हो उठे और उन्होंने उसे गले लगाया और कहा– गुरू नानक के घर की उसने सेवा की है, जो सफल हुई है। अब से वह गुरुघर का प्रतिनिधि बनकर गुरमत्त (गुरू नानक देव के सिद्धान्तों) का प्रचार करे, वे उसे अपना प्रचारक घोषित करते हैं। विदाई देते समय गुरु जी ने उसे कहा– धन सम्पदा उसके पीछे भागी आयेगी। उसका सदउपयोग करना तथा लंगर की प्रथा सदैव बनाये रखना।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
            SHARE  
          
 
     
 

 

     

 

This Web Site Material Use Only Gurbaani Parchaar & Parsaar & This Web Site is Advertistment Free Web Site, So Please Don,t Contact me For Add.