SHARE  

 
jquery lightbox div contentby VisualLightBox.com v6.1
 
     
             
   

 

 

 

25. राजा अमर सिंह को दण्ड देने का निर्णय त्यागना

सिक्खों ने राजा अमर सिंह के इस कार्य (अब्दाली के साथ की गई संधि) को कायरता समझा और उसे इस बुजदिली के लिए दण्डित करने की योजना तैयार कर ली। सरदार बघेल सिंह करोड़ सिंघिया ने सन् 1767 ईस्वी के ग्रीष्मकाल में अन्य सरदारों के साथ मिलकर मालवा क्षेत्र में विचरण करने का कार्यक्रम बनाया। जब वे पटियाला पहुँचे तो राजा अमर सिंह वहाँ नहीं थे। सरदार बघेल सिंह ने परामर्श दिया कि इससे बढ़िया अवसर हमें कहाँ मिलेगा। हमें तुरन्त पटियाला पर अधिकार कर लेना चाहिए। किन्तु सरदार जस्सा सिंह जी ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। वास्तव में आहलूवालिया जी का मत था कि बीती बातों को भुला देना चाहिए। खालसा दल का उद्देश्य तो केवल पँजाब को अफगानों से मुक्त करवाना था और वे उसमें सफल हो चुके हैं। अब अपनी शक्ति को आपस में लड़कर व्यर्थ करने में कोई चातुर्य की बात नहीं है। उन्होंने अन्य सरदारों को बताया कि गुरू घर से पटियाला घराने को वरदान प्राप्त है। श्री गुरू हरि राय साहिब जी ने बालक फूल को आशीष दी थी कि तुम्हारी सन्ताने राज्य करेंगी तथा श्री गुरू गोबिन्द सिंह साहिब जी ने अपने एक हुक्मनामे में लिखा था कि ‘तेरा घर मेरा ही है’ अर्थात तुम्हारे घर पर हमारी अपार कृपा रहेगी। जब राजा अमर सिंह को सरदार जस्सा सिंह के इस अच्छे व्यवहार का ज्ञान हुआ तो उन्होंने उनके प्रति हार्दिक आभार प्रकट किया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
            SHARE  
          
 
     
 

 

     

 

This Web Site Material Use Only Gurbaani Parchaar & Parsaar & This Web Site is Advertistment Free Web Site, So Please Don,t Contact me For Add.