18. अनूप कौर जी का कँकाल बरामद
मलेरकोटले पर नियन्त्रण हो जाने पर दल खालसा के नायक बंदा सिंघ बहादुर को मालुम हुआ
कि यहाँ के नवाब शेर मुहम्मद खान ने दिसम्बर 1704 की लडाई मे एक सिक्ख स्त्री
श्रीमती अनूप कौर जी को बन्दी बना लिया था। यह महिला श्री आनंदगढ़ साहिब जी खाली करते
समय काफिले से बिछड़ गई थी। इस महिला ने अपने नारीत्व सुरक्षित रखने के लिए आत्महत्या
कर ली थी। इस पर शेर मुहम्मद खान ने बदनामी के भय से उसका शव अपने महलों के पास ही
दफन करवा दिया था। अतः बंदा सिंह उस सिक्ख स्त्री के कँकाल की खोज करवाने लगे।
उन्होंने इस कार्य के लिए कई कबरे खुदवाई अन्त में उन्हें वह कँकाल मिल ही गया।
जिसका उन्होंने विधिवत सिक्ख परम्परा अनुसार दाह सँस्कार सम्पन्न किया।