14. वजीर खान की तैयारी
सरहिन्द के सूबेदार बजीर खान ने खालसा दल के सेना नायक बंदा सिंह बहादुर से निपटने
के लिए युद्ध की तैयारियों में सभी सम्भव साधन जुटा दिए। शाही सेना ने दिल्ली व
लाहौर से कुमक मँगवाई। नई भर्ती खोल दी गई। अपने सज्जन, मित्र राजवाडों को सहायता
के लिए बुला लिया और जहाद का नारा लगाकर गाजीओ के झुरमट इक्टठे कर लिए। उसने
गोला-बारूद से गोदाम भर लिए। अनगनित तोप और हाथी अनगिनत इकट्ठे कर लिए गए।
इतिहासकारों का अनुमान है कि इन सब लड़ाकों की सँख्या एक लाख के करीब हो गई थी। वह
किसी प्रकार भी पराजित होने का ख़तरा नहीं लेना चाहता था। अतः उसने दल खालसा की
सँख्या और शक्ति को जाँचने के उपाय किए। उसने सुच्चानँद के भतीजे को एक हजार हिन्दू
सैनिक देकर बंदा सिंह के पास भेजा और उसे छलकपट करने का अभिनय करने को कहा कि वह
मुगलों के अत्याचारों से पीड़ित है अतः वह वहाँ से भागकर आपकी शरण में आया है। इसके
पीछे योजना यह थी कि जैसे ही सुच्चानन्द का भतीजा उनका विश्वास पात्र बन जायेगा ठीक
युद्ध के समय, गर्म रणक्षेत्र से उसकी सेना भागकर वापिस शाही सेना में आ मिलेगी और
दल खालसा के भेद बताएगी। इस प्रकार उन पर विजय प्राप्त करना सहज हो जाएगा।