41. श्री गुरू नानक देव साहिब जी से
भेंट
दुनियाँ का उद्धार करते हुए जब श्री गुरू नानक देव जी काशी में पहुँचे तो भक्त
रविदास जी की उम्र एक सौ दो (102) साल की थी। भक्त रविदास जी ने गुरू नानक देव जी
को नमस्कार की। गुरू नानक देव जी ने भक्त रविदास जी को गले से लगाकर कहा कि भक्त
रविदास जी आप धन्य हैं आपने लाखों इन्सानों को परमात्मा के रास्ते डाला है। आपका
नाम सँसार में अमर रहेगा। हमारी बाणी के साथ आपकी भी बाणी शोभा प्राप्त करेगी। इस
प्रकार गुरू नानक देव जी की और भक्त रविदास की गोष्ठि हुई। जितने दिन गुरू नानक देव
जी काशी में रहे उनके लँगर पानी की व्यवस्था भक्त रविदास जी ही करते रहे। भक्त
रविदास जी का घड़ा ज्ञान से पहले से ही भरा हुआ था, इस पर गुरू नानक देव जी से मिलकर
तो वह लबालब ही भर गया।