56. दादी माँ नानकी जी का निधन
श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी के गृह में नाहन के श्री पाउँटा साहिब जी से श्री
आनंदपुर साहिब लौटने के लगभग 4 साल बाद एक और सुपुत्र ने जन्म लिया जिसका नाम
उन्होंने "जुझार सिंघ" रखा। फिर इसी प्रकार समय के अन्तराल में आपके यहाँ क्रमशः दो
अन्य पुत्रों ने जन्म लिया जिनका नाम "जोरावह सिंघ तथा फतेह सिंघ" रखा गया। आपकी
दादी माँ नानकी जी इन पड़पोतों को लोरियाँ देकर खूब खिलाती रहीं। इस प्रकार उन्होंने
अपने मन की मँशा पूर्ण की। अब आप बहुत वृद्धावस्था में पहुँच गई थीं। अतः आपने उचित
समय देखकर एक दिन शरीर त्याग दिया। गुरू जी ने अपनी दादी माँ की अँत्येष्टि बहुत
सम्मानपूर्वक विधि से सम्पन्न कर दी।