28. घर पर स्थाई वापसी (पक्खों के
रँधवे ग्राम, पँजाब)
श्री गुरू नानक देव जी अपने परम साथी मरदाना जी सहित अपने
ससुराल, पक्खों के रँधवे, अपनी चौथी, पश्चिम की यात्रा समाप्त करके लौट आए हैं। यह
समाचार क्षण भर में गाँव में फैल गया। आपके दर्शनों को भीड़ उमड़ पड़ी। उस भीड़ में
चौधरी अजिता भी आया। चारों ओर हर्षउल्लास में मँगल गीत गाये गए।