SHARE  

 
jquery lightbox div contentby VisualLightBox.com v6.1
 
     
             
   

 

 

 

10. बद्री नाथ मन्दिर (चमोली, उत्तर प्रदेश)

श्री गुरू नानक देव जी गढ़वाल क्षेत्र में अलक नंदा नदी के किनारे-किनारे यात्रा करते हुए बद्रीनाथ मन्दिर पहुँचे। वहाँ दर्शनार्थियों की पहले से ही बहुत भीड़ थी। उसमें से बहुत से यात्री गुरुदेव का परिचय हरिद्वार में ही प्राप्त कर चुके थे। उनमें से अधिकाँश भगवे वस्त्र धारण किये हुए थे। अतः वे गुरुदेव से कीर्तन सुनने का अनुरोध करने लगे। गुरुदेव ने मन्दिर से कुछ दूरी पर एक रिक्त स्थान देखकर आसन लगाया और कीर्तन प्रारम्भ किया–

मिठ रसु खाई सु रोगि भरीजै कंद मूलि सुखु नाही ।।
नामु विसारि चलहि अन मारगि अंतकालि पछुताही ।।
तीरथि भरमै रोगु न छुटसि पड़िआ बिबादु भइआ ।।
दुविधा रोगु सु अधिक वडेरा माइआ का मुहताजु भइआ ।।
गुरमुखि साचा सबदि सलाहै मनि साचा तिसु रोगु गइआ ।।
नानक हरिजन अनदिनु निरमल जिन कउ करमि नीसाणु पइआ ।।

कीर्तन के पश्चात् गुरुदेव ने अर्थ समझाते हुए कहा वास्तविक आनंद तो प्रभु नाम को हृदय में बसाने पर है, जो लोग प्रभु को हृदय में न बसाकर तीर्थों में भटकते हैं या कँद-मूल खाकर माया को त्याग देने का ढोंग रचते हैं और अपने आपको इन्हीं कार्यों के लिए धन्य मान लेते हैं, वे दुविधा के कारण लोक परलोक, दोनों को ही खो देते हैं। कीर्तन तथा प्रवचन सुनने के पश्चात् कुछ श्रद्धालुओं ने अपने कड़वे अनुभव बताये जो कि मन्दिर में पुजारियों के सम्पर्क में आए थे। उन्होंने बताया कि सभी श्रद्धालू यथाशक्ति भेंट लेकर उपस्थित हो रहे थे। परन्तु पुजारीगण उनकी भेंट का मूल्याँकन करके भक्तजनों का वर्गीकरण कर रहे थे। जिन भक्तजनों की भेंट बहुमूल्य रतन थे अथवा बड़ी राशि थी, उनको आदर सम्मान से प्राथमिकता के आधार से प्रथम पंक्ति में बिठाया जा रहा था। इसके विपरीत जन-साधारण को जिनके पास फल-फूल इत्यादि थे, उनको द्वितीय श्रेणी में खड़ा करके प्रतीक्षा के लिए आग्रह किया जा रहा था। जैसे ही दूसरे पहर का समय हुआ। मन्दिर के किवाड़ बन्द कर दिये गये और कहा गया कि भगवान विश्राम कर रहे हैं। अतः चौथे पहर पुनः किवाड़ खुलेंगे तो बाकी के द्वितीय श्रेणी के भक्तजनों को दर्शन देंगे। यह सब कुछ सुनकर गुरुदेव ने कहा–भगवान न माया का भूखा है न कभी सोता अथवा विश्राम करता है वह तो भक्तजनों के प्रेम का भूखा है तथा परम ज्योति होने के कारण शारीरिक कमजोरियों से ऊपर है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
            SHARE  
          
 
     
 

 

     

 

This Web Site Material Use Only Gurbaani Parchaar & Parsaar & This Web Site is Advertistment Free Web Site, So Please Don,t Contact me For Add.